Chal Dikhaye Kiski Kya Aukat Hai by Vihaan Goyal

Chal Dikhaye Kiski Kya Aukat Hai by Vihaan Goyal


Chal Dikhaye Kiski Kya Aukat Hai by Vihaan Goyal

 

मुझे लगा था तुझमे कुछ अलग बात है..

मैं बेख़ौफ़, आज़ाद, बेपरवाह क्योंकि तू साथ है..

लेकिन तूने मारी मेरे जज़्बातो पे ऐसी लात है..

चल दिखाए किसकी क्या औकात है...

 

सबसे एक जैसी बाते कैसे कर लेती हो तुम..

शायद वो भी मेरी तरह तेरी आँखों में हो गए होंगे गुम..

शनिवार को Non-veg नहीं खाती,

बिना मम्मी से पूछे घर से बाहर नहीं जाती..

तो ये सब उसे भी बताया सारी रात है..

किसी ने सच कहा है कि इश्क़ में हम गधी को भी परी समझ बैठते है..

सुनो, मैंने  तुमसे झूठ कहा था कि तुम्हारी खूबसूरती देती परियों को भी मात है..

चल दिखाए किसकी क्या औकात है...

 

और गुरुर किस बात का है कि आशिक़ बहुत है तुम्हारे पीछे..

ज़रा नज़र घुमाके देख कितनी लड़कियां दे रही मेरा साथ है..

और घमंड तो रावण का भी नहीं टिका था..

जो कल Online होकर मेरे Messages का Reply नहीं करती थी..

आज बैठ कर Check कर रही मेरे Status सारी रात है..

चल दिखाए किसकी क्या औकात है...

 

जिसके बिना एक पल ना रह पाती थी..

सारा दिन जिसका नाम दोहराती थी..

अपनी सहेलियों के सामने जिसकी बाते करके शरमाती थी..

आज घुटन हो रही है अगर वो साथ है..

जो अपनी फितरत ना बदले दुनिया में कहा ऐसी कोई ज़ात है..

चल दिखाए किसकी क्या औकात है...

 

चल अब ये टसवे ना दिखा मुझे नहीं चाहिए तेरी कोई माफ़ी..

तुझसे जितना मिला है Madam मेरे लिए उतना दर्द है काफी..

और इश्क़ में बन्दे को रब ना बना बदलती फ़ितरतो की ये ज़मात है..

कल जो मेरे साथ जीने मरने की कसमें खा रही थी..

आज बेशरम मेरे सामने थामे खड़ी किसी और का हाथ है...

चल दिखाए किसकी क्या औकात है...

 

 


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