Waqt Lagta hai Pyar Hone Mein by Swastika Rajput

Waqt Lagta hai Pyar Hone Mein by Swastika Rajput


Waqt Lagta hai Pyar Hone Mein by Swastika Rajput

ये सर्द हवाएं और ये धुंधली रात 

मुझसे एक सवाल पूछती है 

आज फिर से अकेले खड़े हो या 

किसी के इंतजार में हो क्या 

आज फिर से उनके प्यार में हो ना

तुम्हें कितनी बार तो यहां बिलखते आंसुओं के साथ

तुम्हारे टूटे हुए दिल को देखा है

तुम थकते नहीं हो क्या? 

एक सवाल था खुद से खुद ही के लिए

तुम थकते नहीं हो क्या?  

 

वो आशिक भी ना कितना डेरिंग होता है 

ना टूटे जाने वाले रिश्ते जन्मों-जन्मों के साथ-साथ रहेंगें 

ऐसे कहे जाने वाले रिश्ते 

एक ना एक दिन टूट ही जाते हैं 

पर फिर भी ना हम आखरी उम्मीद करना नहीं छोड़ते 

पर फिर भी ना हम अपने दिल से उसे कभी भुला नहीं पाते

वो आशिक भी ना कितना डेरिंग होता है 

 

दिल पूरी तरह टूट जाता है

हम खुद से ही रूठ से जाते है

पर फिर भी हम अपने दिल को उसको मनाने से रोक नहीं पाते 

वह आशिक भी ना इतना डेरिंग होता है। 

रिश्ता तोड़ के तु अकेला छोड़कर

फिर से किसी और के साथ नहीं दूंगी बताने लग जाता है। 

वो तुमसे रिश्ता तोड़ के तुम्हे अकेला छोड़कर

फिर से किसी और के साथ नई ज़िन्दगी बसाने लग जाता है

पर फिर भी, पर फिर भी ना हम उनका इंतजार करना नहीं छोड़ते

 इंतजार का हर एक सेकेंड एक साल जितना लंबा लगता है

पर फिर भी हम सालो सालो तक इंतजार कर जाते है

कि अगर आज भी हमारे दरवाजे पर हल्की सी दस्तक होती है ना

तो दिल जोरो से धड़कने लग जाता है

इस एहसास में कि वो इंसान तो नहीं, पर वो इंसान नहीं होता

हम उनका इतना इंतज़ार करते है

कि साला वक़्त भी सवाल पूछने लगा जाता है

कि बस यार! इतना वक्त तो मेरे पास भी नहीं है

पर फिर भी ना हम उनका इंतजार करना नहीं छोड़ते 

 

उस अकेली अंधेरी रात में तन्हा वक्त बिताना मुश्किल सा हो जाता है

आंखों से आंसू इतने बेहते कि मानो अगर अम्बर से भी पानी बरसे ना

तो वो भी उस वक्त कम ही लगते

 उसके साथ बिताए हुए वो सभी लम्हें,

वो यादे, वो बाते आंखो के हर पहर चल रहे होते

वक्त की सूई मानो वहीं पर थम सी जाती है

पर फिर भी, पर फिर भी अगले ही दिन इस दुनिया में

एक हंसता हुआ चेहरा दिखाना नहीं भूलते 

वो आशिक भी ना कितना डेरिंग होता है  

 

टूटे हुए दिल के सहारे ही सही

अगर हमें कोई सच्चा प्यार करने वाला मिल जाए ना

तो फिर से हम अपने दिल को प्यार करने से रोक नहीं पाते

हम फिर से प्यार करने लग जाते है

एक नई ज़िन्दगी में मसरूफ़ हो से जाते है

फिर से शायद खुश होने से लग जाते है

पर फिर भी कहीं ना कहीं दिल के किसी ना किसी कोने से 

उस पहले प्यार को कभी दिल से नहीं भुला पाते

वो आशिक भी ना कितना डेरिंग होता है

 


Comments