Kya Ye Hua Hai Kyon Ye Hua Hai – Delhi Rape Song
कहानी ना ये प्यार की है, ना झूठे यार की है।ये कहानी तो दुनिया के अत्याचार की है।
क्या बताऊँ यारो, क्या सुनाऊँ यारो,
ये कहानी एक लड़की के बलात्कार की है।
दिल्ली की बात है पालम विहार की।
रहती थी वो लड़की जो बस में सवार थी।
एक लड़का था साथ जो शायद उसका प्यार था।
करता वो लड़की का रोज इंतज़ार था।
संडे का वो मनहूस दिन भी अब आ गया।
दोनों का पता ना था साथ क्या होता गया।
दोनों ने सोचा बड़ी प्यार भरी रात है।
पर पता ना था वो खाने वाले मात है।
चलती बस के मामले ने दिल्ली को चौंकाया है।
लड़कियों के पीछे क्यों खौफ सा बनाया है।
ऐसा मत सोचना कि मजे की ये बात है।
मजे लेने वाले साले शर्म की ये बात है।
क्या ये हुआ है, क्यों ये हुआ है?
किसकी गलती है, किसकी सजा है?
क्या ये हुआ है, क्यों ये हुआ है?
किसकी खलिश है, किसकी सजा है?
साथ में सिनेमा से फिल्म देखके आ रहे थे वो।
हँसते गुनगुनाते घर को जा रहे थे वो।
रास्ते से एक ऑटो किया मुनीरिका तक जाने को।
वहाँ उतरके बस में बैठे पालम विहार आने को।
ड्राइवर को मिलाके 6-7 थे सवार।
पूछा लड़की से इतनी रात क्यों है तू बाहर।
लड़के ने जब भी रोका किया-किया उसपे वार।
लोहे की रॉड मारी सर पे निकली खून की एक धार।
लड़की रोई चिल्लाई रखा मुँह पे उसके हाथ।
खिंचा उसको केबिन में मारी लाते घूंसे हाथ।
सारे कपडे फाड़े उसके, छीनी उसकी आबरू।
लड़की ने दी दुहाई ऐसा कर रहे हो क्यों?
अपनी आँखों के सामने अपने प्यार का बलात्कार।
देख रहा था वो लड़का हो गया था जो लाचार।
फिर चलती बस से बाहर फेंक दिया दोनों को।
तन पे कपडा ना था अपनी इज्जत छुपाने को।
क्या ये हुआ है, क्यों ये हुआ है?
किसकी गलती है, किसकी सजा है?
क्या ये हुआ है, क्यों ये हुआ है?
किसकी खलिश है, किसकी सजा है?
लड़की हॉस्पिटल में अपनी सांसे गिन रही है।
लड़का जिन्दा है पर उसकी जिंदगी बदल रही है।
ये जो हुआ इसका जवाब कौन किसको देगा।
क्या ये वहशी खेल दुनिया में यूँ ही चलता रहेगा।
कहना है मेरा उन सालो को फांसी लगा दो।
इससे भी बात ना बने तो फिर जिन्दा ही जला दो।
उस लड़की का देखो अब निकल रहा है दम।
सोये हुयो को जगाने में तो मदद कर दो कम से कम।
कॉलेज, ऑफिस, ऑटो में ये कहानी चला दो।
जो हुआ है उसके साथ, अब ये आगे फिर ना हो,
मेरी आवाज चारो तरफ तुम पार्लियामेंट में पहुंचा दो।
सरकार अंधी है तो उसको ये गाना सुना दो।
शायद उस लड़की को कुछ इन्साफ मिल जायेगा।
उन बलात्कारियों को उनका बाप मिल जायेगा।
उनके बाप वाली कहके तुम आवाज लगा दो।
सारी दुनिया को अपना पैगाम पहुंचा दो।
क्या ये हुआ है, क्यों ये हुआ है?
किसकी गलती है, किसकी सजा है?
क्या ये हुआ है, क्यों ये हुआ है?
किसकी खलिश है, किसकी सजा है?
Rap Version
कूट कूट के मारो जबतक मरते नहीं ये साले।
शर्म आती है कहते हुए कि हम है दिल्ली वाले।
ना जाओ जंतर मंतर ना धरना कही लगाओ।
इन कुत्तो को पब्लिक में अब जिन्दा ही जलाओ।
बेबस थी वो लड़की, चीखी होगी चिल्लाई होगी।
ये साले दरिंदे इनको जरा शर्म ना आई होगी।
क्यों किया इन्होने वो ही इनके साथ दोहराओ।
एक एक करके दिल्ली वालो इनके अंदर रॉड घुसाओ।
बुड्ढे है लग्गे बोल्लन, ते असी बनय्या भूत।
घर जा सड़ढे संभल सोनिये, तेरी बहनदी xxxxxx
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