Aaj Phir Bahut Yaad Aa Rahe Ho Tum by Goonj Chand

Aaj Phir Bahut Yaad Aa Rahe Ho Tum by Goonj Chand


 Aaj Phir Bahut Yaad Aa Rahe Ho Tum by Goonj Chand

आज फिर बहुत याद रहे हो तुम
दूर होकर भी ना जाने क्यों पास  रहे हो तुम

चुना था मैंने तुम्हे जब तुम्हारी सारी बत्तमीजीयो साथ
वो वक़त भी और था हम तुम थे जब साथसाथ..
बुक्स लेने के बहाने अक्सर घर पर  जाया करते थे
जनाब वक़त - बेवक़त गली में हॉर्न भी बजाया करते थे
फिर अचानक खो गया वो बुक्स लेने - देने का सिलसिला
और मेरी गालिया भी सुनसान सी हो गयी
पता किया दोस्तों से तुम्हारे तो पता चला….
कि एक नयी ज़िन्दगी बसाने जा रहे हो तुम
जाना आज फिर बहुत याद रहे हो तुम….
दूर होकर भी ना जाने क्यों पास  रहे हो तुम

चलो तुम्हे एहसास तो हुआ उस बेवफ़ाई का जो तुमने मेरे साथ की थी
उलझे हुए रिश्ते को सुझाने की कोशिश पहली बार की थी
पर अब वक़त भी निकल चूका था और हालत भी मेरे बस में ना थे
मेरे हाथो में लगी थी मेहंदी और शादी के कार्ड भी बट चुके थे….
चाहा कर भी उस बेवफाई की कीमत अब नहीं चूका पाओगे
और अब तुम मुझे अपना किसी भी हालत में नहीं बना पाओगे
ये सब कुछ जानते हुए भी मुझे को आज़मा रहे हो तुम
जाना आज फिर बहुत याद रहे हो तुम
आज फिर बहुत याद रहे हो तुम
दूर होकर भी ना जाने क्यों पास  रहे हो तुम..



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