Wo Ladko De Dil Se Game Khelti Rahi by Goonj Chand

Wo Ladko De Dil Se Game Khelti Rahi by Goonj Chand


Kitni Sacchai Se Wo Humse Jhooth Bolti Rahi..
Or Mere Sath Sath Kisi Or Ke Dil Se Bhi Wo Game Khelti Rahi..

कितनी सच्चाई से वो हमसे झूठ बोलती रही..
और मेरे साथ साथ किसी और के दिल से भी वो गेम खेलती रही..

जब मेरे साथ होती तो उसे दोस्त बताया करती थी,
और हो उसके साथ तो ये टैग वो मुझे चिपकाया करती थी..
ये दोस्ती और प्यार के चक्कर में वो एक अच्छा स्टेटस खोजती रही..
और बड़ी सच्चाई से वो हमसे झूठ बोलती रही..

शॉपिंग करनी हो तो मेरे साथ जाती थी..
और लॉन्ग ड्राइव पे जाना हो तो उसे कॉल लगाती थी..
साला हम दोनों की जिंदगी तो मॉल से लेकर सड़कों में उलझती रही,
और कितनी सच्चाई से वो हमसे झूठ बोलती रही..

रूठ जाऊं कभी तो पास आकर वो मनाती भी थी..
और उससे मिलने के चक्कर में मुझसे दूर जाती भी थी..
चंद पैसो के लालच में वो हम दोनों की जिंदगी से खेलती रही,
और भाई बड़ी सच्चाई से वो हमसे झूठ बोलती रही..

झूठ ही तो था आखिर नहीं छुप पाया..
और डर गयी थी वो उस दिन जब उसने हम दोनों को साथ खड़ा पाया..
तब भी वो रो रोकर कि मैं तुम दोनों से प्यार करती हूँ, भाई यही कहती रही,
और बड़ी सच्चाई से वो उस दिन भी झूठ बोलती रही..

सुना है आजकल कुछ नए लड़के आये है उसकी लाइफ में..
वैसे देखा तो मैंने भी था उसे किसी की बाइक में..
मतलब हमारे बाद भी वो बड़ी शिद्दत से लड़को को खोजती रही,
और भाई सच में, बड़ी सच्चाई से वो हमसे झूठ बोलती रही..

कितनी सच्चाई से वो हमसे झूठ बोलती रही..
और मेरे साथ साथ किसी और के दिल से भी वो गेम खेलती रही..


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