Best Friend Poetry by Tavneet Singh

Best Friend Poetry by Tavneet Singh


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आखिर तुम क्यों दिल के इतने पास हो,
कोई तो वजह जरूर है जो तुम इतने खास हो..
मेरे दोस्तों में सबसे पहले तुम्हारा ही नाम आता है,
रब की कसम हमारा पिछले कई जन्मो से नाता है..

6th क्लास में रब में मुझे तुझसे मिलाया था,
और उस मुलाकात में ही मैंने तुम्हें मेरी जिंदगी का हिस्सा बनाया था..
वो वक़्त मैं कैसे भूल जाऊं जो मैंने तेरे साथ बिताया था..
क्यूंकि तुम्हारी हर एक आदत ने मुझे दीवाना जो बनाया था..

उस वक़्त कुछ दोस्त तुम्हारे पास मुझसे ख़ास थे,
लेकिन तुम तो मेरे दिल के तब भी बहुत पास थे..
9876543210, यही वो नंबर है जो मैं अक्सर मिलाया करता था,
जब भी तुम्हारी पक पक सुनने को मेरा दिल तरसता था..
ज्यादातर तेरे ही बारे में सोचा करता था,
यहां तक की हैंडराइटिंग भी तेरी ही कॉपी किया करता था..

लिखावट तेरी बेमिशाल थी, और ड्राइंग भी कमाल थी..
तूने भी अपनी दोस्ती तब खूब निभाई,
जब मेरे हिस्से की ड्राइंग भी तूने थी बनाई..
टीचर भी देखकर समझ लिया करता था,
और मेरी जगह तेरी ही तारीफ किया करता था..

तेरे बिना मेरा वक़्त कहाँ कटता था,
शायद इसलिए जब कोई तुझसे बात करे,
तो मेरा दिल अंदर ही अंदर जलता था..
सच कहूँ तो तू मेरे लिए एक अनजान पहेली थी,
जिसमे उलझने का दिल हमेशा करता था..
आखिर उस अनजान पहेली ने कुछ ऐसा उलझाया,
कि उलझते हुए भी वो सुलझने लगी...
जो पहेली मेरे दिल के पास थी,
वो अब मेरी जिंदगी बनने लगी थी..

अब तक जिंदगी में मैंने कई अच्छे दोस्तों का साथ पाया है,
और मैंने सबको तेरी बाते बता बता के पकाया है..
उन सबको लगता है कि तू मेरे लिए बहुत ख़ास है,
और तू ही सबसे जयादा मेरे दिल के पास है..
लेकिन हकीकत तो ये है कि ये सब दोस्त मेरे दिल के पास है,
और तेरे लिए बहुत खास है,
क्यूंकि ये तो केवल रब ही जनता है कि,
किसका दिल किसके पास है?

कहीं कहीं मैं आज भी तुझपे मरता हूँ,
और कही तुझे मुझसे अच्छा कोई और ना मिल जाये,
इस बात से मन ही मन में डरता हूँ..
इसी डर से रब से यही दुआ करता हूँ,
कि हे! रब मुझपे एक एहसान जरूर करना,
इस दोस्त को मुझसे कभी भी जुदा ना करना..

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