Tu Mera Kal Tha Wo Mera Aaj Hai by Goonj Chand
मेरी हर ग़ज़ल का वो होंने वाला साज़ हैं…तू मेरा कल था वो मेरा आज हैं…
तेरे लिये तो बग़ावत तक की तो भी तूने धोखा दिया..
मेरी इस पसंद पर घर वालों को भी नाज़ हैं..
तू मेरा कल था वो मेरा आज हैं…
मेरी हर ग़ज़ल का वो होंने वाला साज़ हैं…
तू मेरा कल था वो मेरा आज हैं…
खुली किताब की तरह की थी मोहब्बत तुझसे..
इसलिए आज मेरा इश्क एक राज़ हैं..
तू मेरा कल था वो मेरा आज हैं..
मेरी हर ग़ज़ल का वो होंने वाला साज़ हैं…
मेरी हर ग़ज़ल का वो होंने वाला साज़ हैं….
तू मेरा कल था वो मेरा आज हैं…
मैंने ही चढ़ाया था सिर प़र अपने…
पर वो आज मेरे सिर का ताज़ हैं…
तू मेरा कल था वो मेरा आज हैं…
मेरी हर ग़ज़ल का वो होंने वाला साज़ हैं…
मेरी हर ग़ज़ल का वो होंने वाला साज़ हैं…
तू मेरा कल था वो मेरा आज हैं…
तूने तो चुप करा दिया हमेशा मुझे अपने आगे…
पर वो तो मेरी ख़ामोशी की आवाज़ हैं…
तू मेरा कल था वो मेरा आज हैं…
मेरी हर ग़ज़ल का वो होंने वाला साज़ हैं…
मेरी हर ग़ज़ल का वो होंने वाला साज़ हैं…
तू मेरा कल था वो मेरा आज हैं…
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