Maine Kya Kya Dekha Hai by Ankit Guryan & Ratnesh
मैंने क्या-क्या देखा है?
इस छोटी सी उम्र में ना जाने मैंने क्या क्या देखा है?
मैंने नोटबंदी के हुए उस फैसले पर, उन गरीबो को फुटपाथ पर चैन से सोते देखा है...
और बैठे हुए उन आलीशान महलो में, उन अमीरो को नींद की गोली लेते देखा है...
"भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह" कहने वालो को आज़ाद घूमते देखा है...
और “इंक़लाब ज़िंदाबाद और वन्दे मातरम” कहने वालो को मैंने जेल में बंद होते देखा है...
मैंने उस आतंकवादी के जनाजे में हजारों लोगो को शामिल होते देखा है...
और देश के लिए शहीद हुए उस सैनिक को सिर्फ चंद लोगो को सलामी देते देखा है...
मैंने बीफ के नाम पर बेवजह लोगो को मरते देखा है...
तुम 15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो, हम बता देंगे कौन ज्यादा शक्तिशाली है,
ऐसे घटिया लोगो पर बस केस चलते देखा है...
"Freedom of Speech" के कारण मैंने अपने ही देश के प्रधानमंत्री को भी गाली खाते देखा है...
लेकिन उसी प्रधानमंत्री के कारण, पुरे विश्व का भारत के प्रति नजरिया बदलते देखा है...
सेना पर पत्थर फेंकने वालो को, बाढ़ में सेना से मदद लेते देखा है...
उन्ही पत्थरबाजो को इंडिया के पासपोर्ट पर पूरा जहाँ घूमते देखा है...
मैंने सरहद पर खड़े उन सैनिको का सिर शर्म से झुकते देखा है...
जब मैंने कुछ नेताओं को सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते देखा है...
अनपढ़ और मुजरिम नेताओ को मैंने, निर्विरोध चुनाव जीतते देखा है...
और एक काबिल नौजवान को सरकारी नौकरी के लिए लाखो की रिश्वत देते देखा है...
मैंने प्रदर्शन के नाम पर उपद्रवियों को आतंक मचाते देखा है...
बिना वजह उस आम आदमी की गाड़ी को जलते देखा है...
मैंने कुछ हिन्दू संतो को लड़कियों पर अत्याचार करते देखा है...
और उन आतंकवादी कहे जाने वाले मुसलमानो को,
बीमार और लाचार किसानो को खाना खिलाते देखा है...
सिर्फ वोट के लिए लोगों को आपस में लड़ा कर, मैंने कुछ नेताओ को दंगे कराते देखा है...
फिर उन्ही नेताओ को मैंने आज सरकार बनाते देखा है...
मैंने कुछ लोगो को बड़े बड़े Scam करके, देश से खुलेआम भागते देखा है...
और सिर्फ एक रोटी चुराकर खाने वाले उस भूखे गरीब को पब्लिक से पिटते देखा है...
मैंने अपने ही देश की सरकारों को करोडों रुपयों में कभी पार्क और तो कभी पार्टी ऑफिस बनाते देखा है...
और उसी देश के किसान को उसकी मेहनत का पैसा न मिलने पर,
कभी सरेआम सड़क पर जलते हुए तो कभी बंद कमरे में फांसी लगाते देखा है...
"नौजवान युवा ही देश को बदल सकते है" ऐसा मैंने अपने प्रधानमंत्री जी को कहते देखा है...
और आज उसी नौजवान को एक सरकारी नौकरी के लिए कई दिनों तक धरने पर बैठे देखा है...
हाथो में बन्दूक लिए उस बेबस सैनिक को मैंने लोगों से पत्थर खाते देखा है...
और उन्ही पत्थरबाजों के मरने पर कुछ लोगों को आंसू बहाते देखा है...
हम चैन से सो सके, इसलिए मैंने दिनों रात उन जवानो को सरहद पर चौकन्ना खड़ा देखा है...
और सिर्फ हमारी रक्षा के लिए हँसते हँसते अपनी जान गंवाते देखा है...
Happy Independence Day to All of You. Proud to be Indian
#JaiHind #VandeMatram #BharatMatakiJai
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