Ab Main Akele Hi Tujhse Mohabbat Karungi..
अब मैं अकेले ही तुझसे मोहब्बत करुँगी..
और तेरे बिना ही इस इश्क़ को मुकम्मल करुँगी..
ना कोई गिला है तुझसे ना बैर है कोई..
जो कोई पूछे मेरे बारे तो कहना गैर है कोई..
मैं तो फिर भी तेरे ही बारे में बाते करुँगी..
और तेरे बिना ही इस इश्क़ को मुकम्मल करुँगी..
जाने के बाद ना तूने मुड़के देखा ना मैं तेरे पास आयी..
पर तूने कर ली है शादी ऐसी मेरे कानो में आवाज आयी..
अब इस कहानी की रुक्मणि ना सही तो फिर राधा ही बनुँगी..
और तेरे बिना ही इस इश्क़ को मुकम्मल करुँगी..
अब ना तेरे वापस आने की ख़ुशी है और जाने का डर तो निकल ही गया..
पकड़ के रखा था जो इतने सालो से, आखिर वो रिश्ता भी हाथो से फिसल ही गया..
एकतरफा थी मोहब्बत तो अब एकतरफा ही रखूंगी..
और तेरे बिना ही इस इश्क़ को मुकम्मल करुँगी..
ना लगाउंगी तुझ पर बेवफाई का इलज़ाम अब..
पर तुझसे प्यार करना बस यही है मेरा काम अब..
मैं तो बस मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत करुँगी..
और तेरे बिना ही इस इश्क़ को मुकम्मल करुँगी..
अब मैं अकेले ही तुझसे मोहब्बत करुँगी..
और तेरे बिना ही इस इश्क़ को मुकम्मल करुँगी..
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