Tuta Hua Dil Mera Aaj Firse Jud Raha Tha..
टुटा हुआ दिल मेरा आज फिरसे जुड़ रहा था...
और तोड़ने वाले की तरफ ही दोबारा झुक रहा था..
बोल नहीं पाती थी जिसके आगे मैं कभी ऊँची आवाज में,
आज वो मेरी सारी बातें सर झुकाये सुन रहा था..
टुटा हुआ दिल मेरा आज फिर जुड़ रहा था...
दिल मेरा फिरसे नए ख्वाब बन रहा था...
और फिर अपने लिए उसी बेवफा को चुन रहा था..
यूँ तो भरोसा नहीं था मुझे उसपर पहले की तरह..
पर फिर भी ये दिमाग था जो सिर्फ दिल की सुन रहा था..
टुटा हुआ दिल मेरा आज फिरसे जुड़ रहा था...
जमीं पे बिखरा दिल मेरा अब आसमां में उड़ रहा था..
ना जाना था जिस गली, अब उसी गली में मुड़ रहा था..
मुद्दतों बाद खुशियां आ रही थी ज़िन्दगी में हमारी..
पर ना जाने क्यों इस बात से जमाना जल रहा था..
टुटा हुआ दिल मेरा आज फिरसे जुड़ रहा था...
अपने पहले प्यार से मुझे दोबारा प्यार हो रहा था..
और वो अपनी सारी गलतियां स्वीकार कर मेरे आगे रो रहा था..
यूँ तो वफाये आज भी उतनी ही थे उसके लिए मेरे दिल में,
पर उसकी बेवफाई का जनाज़ा भरे बाजार उठ रहा था..
शायद इसीलिए मेरा टुटा हुआ दिल आज फिरसे जुड़ रहा था...
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