Bachpan Ki Beeti Bataon Ko Main Bhul Kabhi Na Pati Hun..
बचपन की बीती बातों को मैं भूल कभी ना पाती हूँ..
प्यार तो बहुत करती हूँ आपसे माँ, बस इज़हार नहीं कर पाती हूँ..
रूठ जाये खुदा भी पर आप ना रूठना कभी..
टूट जाऊँ अगर मैं कभी, पर आप ना टूटना कभी..
आपको देखकर ही तो कुछ करने की हिम्मत कर पाती हूँ..
प्यार तो बहुत करती हूँ आपसे माँ, बस इज़हार नहीं कर पाती हूँ..
देना हौंसला जब भी कमजोर सा पाओ मुझे..
चाहती हूँ जब भी रोऊँ आप ही गले लगाओ मुझे..
आप नहीं होती साथ तो खुद को बहुत अकेला सा पाती हूँ..
प्यार तो बहुत करती हूँ आपसे माँ, बस इज़हार नहीं कर पाती हूँ..
जाने अनजाने में सही तुम्हारा दिल तो दुखाया है मैंने..
आज इन अनकही बातों को पन्नो पर उतारा है मैंने..
जिंदगी के कुछ कठिन फैसलों में सलाह आपकी ही चाहती हूँ..
प्यार तो बहुत करती हूँ आपसे माँ, बस इज़हार नहीं कर पाती हूँ..
क्यों करे किसी गैर पर ऐतबार बताओ..
क्यों बसाये एक नया घर बार बताओ..
मैं तो जिंदगी भर आपके और पापा के साथ रहना चाहती हूँ..
प्यार तो बहुत करती हूँ आपसे माँ, बस इज़हार नहीं कर पाती हूँ..
बचपन की बीती बातों को मैं भूल कभी ना पाती हूँ..
प्यार तो बहुत करती हूँ आपसे माँ, बस इज़हार नहीं कर पाती हूँ..
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