Mere Bina Tujhe Bhi Apni Zindagi Se Kuch Gile Honge..
मेरे बिना तुझे भी अपनी जिंदगी से कुछ गिले होंगे..
हम यूँ ही तो ना मिले होंगे..
तूफां आया है घर में मेरे,
तो कुछ हवा के झोंके तेरे घर तक भी पहुंचे होंगे..
बिखर गया है पूरा घर मेरा,
तो कुछ परदे तो तेरी खिड़की के भी उड़े होंगे..
हम यूँ ही तो ना मिले होंगे..
इतना आसां नहीं मुझे भुला पाना,
पुरे ना सही पर कुछ लम्हें तो तुझे भी याद होंगे..
अश्क तो नहीं निकले होंगे तेरी आँखों से ये जानती हूँ मैं,
पर बातों बातों में कुछ किस्से मेरे भी निकले होंगे..
हम यूँ ही तो ना मिले होंगे..
अब सावन से भी ऐतराज होगा तुझे शायद,
हम ना सही पर चाय पकोड़े तो तेरे साथ होंगे..
और दोबारा नहीं मिल पाए तो गम कैसा,
हम ख्वाबों में तो अक्सर मिले होंगे..
हम यूँ ही तो ना मिले होंगे..
यादें ही काफी है एक दूजे में जिन्दा रहने के लिए,
जरुरी तो नहीं हर प्यार करने वाले साथ रहे होंगे..
मेरी ख़ामोशी को मेरी बेवफाई मत समझना,
हो सकता है तेरी ही मजबूरी के आगे मैंने अपने होंठ सिले होंगे..
हम यूँ ही तो ना मिले होंगे…
मेरे बिना तुझे भी अपनी जिंदगी से कुछ गिले होंगे..
हम यूँ ही तो ना मिले होंगे..
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