Kuch Is Tarah Wo Rishton Ki Numaish Karta Hai..
कुछ इस तरह वो रिश्तों की नुमाईश करता है..
खुद को अच्छा दिखाने के लिए वो अक्सर मेरी बुराई करता है..
पर जानता नहीं वो लोग सुबह शाम मेरा हाल पूछते है..
जिनके पास जा जाकर वो मुझसे बात करने की फरमाईश करता है..
खुद को अच्छा दिखाने के लिए वो अक्सर मेरी बुराई करता है..
कहता है मैंने तो टूटकर चाहा था उसे,
वो हर किसी को अपने बेगुनाह होने की गवाही देता है..
खुद को अच्छा दिखाने के लिए वो अक्सर मेरी बुराई करता है..
कोई समझाओ उसे कि गवाही के लिए किसी दूसरे की जरुरत पड़ती है..
वो तो अपने ही मुँह से अपनी बड़ाई करता है..
खुद को अच्छा दिखाने के लिए वो अक्सर मेरी बुराई करता है..
कहता है कि मैं Characterless थी, इसलिए उसने मुझे छोड़ दिया..
तो फिर क्यों आज मुझसे मिलने की वो खवाइश करता है..
खुद को अच्छा दिखाने के लिए वो अक्सर मेरी बुराई करता है..
अब क्या कहूं ये तो दस्तूर सा हो गया है इस दुनिया का..
कि हर बेवफा इंसान सच्चे प्यार की रुसवाई करता है..
शायद इसलिए वो भी मेरी बुराई करता है..
खुद को अच्छा दिखाने के लिए वो अक्सर मेरी बुराई करता है..
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