Kashmir Ki Ghati Pe Phool Hindustan Ka Khilne Wala Hai..
कश्मीर की घाटी पे फूल हिन्दुस्तान का खिलने वाला है..
एक एक आतंकवादी का सिर धड़ से अलग होने वाला है..
छुप जाओ जहाँ छुप सकते हो, फिर भी उनको पता चल जाना है..
हाथ बंधे थे अब तक उनके, अब जोश पूर्ण स्वंतंत्रता वाला है..
एक एक आतंकवादी का सिर धड़ से अलग होने वाला है..
आत्मसमर्पण कर दो अब तुम, क्योंकि फौज का तरीका निराला है..
पिछली बार तो बस गोली मारी थी, इस बार धड़ भी ना मिलने वाला है..
एक एक आतंकवादी का सिर धड़ से अलग होने वाला है..
वो लोग भी बच नहीं पाएंगे अब, जिनका आतंकियों को सहारा है..
अपना समझकर छोड़ा था, पर अब पहला नंबर तुम्हारा है..
एक एक आतंकवादी का सिर धड़ से अलग होने वाला है..
सिर्फ खून के बदले खून नहीं अब, उनकी रूह तक को तड़पाना है..
और हिन्दू मुस्लिम साइड में रख, हिंदुस्तानी होकर झंडा फहराना है..
एक एक आतंकवादी का सिर धड़ से अलग होने वाला है..
कायर हो तुम सब के सब, इसलिए पीठ पीछे वार करना तुम्हे सिखाया है..
उरी में सोये मासूमों पर गोली चलवाई, और अब पुलवामा में ब्लास्ट करवाया है..
इस बार तुम्हारा सामना तुम्हारे बाप से होने वाला है..
और पीछे से किये गए वार का जवाब तुम्हे सामने से मिलने वाला है..
एक एक आतंकवादी का सिर धड़ से अलग होने वाला है..
काँपो के थर थर खौफ से तुम, मांगोगे पनाह फिर मौत से तुम..
तुम्हारे घर में घुसकर ही तुम्हारा किर्याकर्म करवाना है..
और तुम जैसे शैतानो की तो अल्लाह भी ना सुनने वाला है..
और जन्नत के चक्कर में अब तुम्हे जहन्नुम भी ना मिलने वाला है..
एक एक आतंकवादी का सिर धड़ से अलग होने वाला है..
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