Mana Ki Umar Bhar Saath Nahi Rahe Hum by Amit Auumkaar

Mana Ki Umar Bhar Saath Nahi Rahe Hum by Amit Auumkaar


Mana Ki Umar Bhar Saath Nahi Rahe Hum
Par Aisa Mat Kaho Ki Wo Pyaar Nahi Tha..

हैल्लो, मेरा नाम अमित ओंमकार है और जो मैं आपको आज सुनाने वाला हूँ ये सबके लिए नहीं है मगर लाखों लोगो की जिंदगी की पूरी कहानी है इसमें,

कि माना की उम्र भर साथ नहीं रहे हम,
पर ऐसा मत कहो कि वो प्यार नहीं था..
एक दूसरे का नाम हमारी सांसो में कभी शुमार नहीं था,
माना की उम्र भर साथ नहीं रहे हम,
पर ऐसा मत कहो कि वो प्यार नहीं था..

ये खूबसूरत वक़्त की एक खूबसूरती ये भी होती है,
कि वो गुजर जाता है,
पर गुजरते वक़्त के साथ इंसान अक्सर बदल जाता है...
अब उस बदलते हुए वक़्त में हम दोनों को,
एक दूसरे पर कुछ खासा ऐतबार नहीं था,
माना की उम्र भर साथ नहीं रहे हम,
पर ऐसा मत कहो कि वो प्यार नहीं था..

गिनती के ही सही पर जिंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हें बिताये है हमने एक दूजे के साथ,
सारे ना सही पर कुछ तो वादे पूरी तरह निभाए है हमने एक दूजे के साथ..
अब इन कसमों और वादों का हमारे दिलो में ज्यादा दिन खुमार नहीं था..
माना की उम्र भर साथ नहीं रहे हम,
पर ऐसा मत कहो कि वो प्यार नहीं था..

ये उन कहानियों के लिए जो ज्यादा दिन नहीं चली,
ये उन कहानियों के लिए जो अधूरी रह गयी..


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