ऐसा बहुत बार होता है दुनिया में कि हम अपनों को बहुत कुछ लिखना चाहते है, लेकिन लिख नहीं पाते. Express करना चाहते है लेकिन Express कर नहीं पाते..क्यूंकि हमें उन्हें खोने का डर रहता है..
एक लड़का है जो अपनी दोस्त से प्यार कर बैठा है, वो दोस्त को Propose कर चाहता है लेकिन वो कर नहीं पा रहा..क्यूंकि उसे अपनी दोस्ती खोने का डर है..वो I love You लिखता है और Backspace दबा देता है..वो लड़का कोशिश करेगा कहने कि मगर कह नहीं पायेगा, उसी के ऊपर ये Poetry है..
Kuch Kahaniyan Hamare Darmiyaan,
Kuch Kahaniyan Hamare Darmiyaan,
एक दोस्ती मोहब्बत में तब्दील होनी रह गई,
एक दोस्ती मोहब्बत में तब्दील होनी रह गई,
कुछ कहानियां, हमारे दरमियाँ,
Backspaceमें छुपी रह गई..
अंजाम तो तुम बेशक थी मेरा, तुम ही मेरी इत्तिदा भी थी..
दोस्त तो तुम थी मगर, दोस्त से कुछ ज्यादा भी थी..
अरे, अबके सावन लिखी थी तुमको कई चिट्ठियां,
शायद बारिशों में थी बह गई..
कुछ कहानियां, हमारे दरमियाँ, Backspace में छुपी रह गई..
अबके सावन लिखी थी तुमको कई चिट्ठियां,
शायद बारिशों में थी बह गई..
और जुबान तो मुकरती आई है, मुकर ही जाती,
ये ख़ामोशी संजीदा थी, तुम्हे समझ में आनी रह गई..
कुछ कहानियां, हमारे दरमियाँ,
Backspaceमें छुपी रह गई..
हम लबो से कह ना पाए हाल ऐ दिल कभी,
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या थी?
वो बात ऐसी थी, कि दिल से शुरू होती,
और जुबान पर आकर रुक जाती..
एक दोस्ती हर मर्तबा, मोहब्बत की दहलीज से,
वापस लौटकर आ जाती..
और जब फलाने का, ज़माने का सबका हाल लिखा तुमको,
फिर हाल ऐ दिल लिखने में उँगलियाँ क्यों थमी रह गई..
कुछ कहानियां, हमारे दरमियाँ, Backspace में छुपी रह गई..
और ताउम्र अफ़सोस रहा, कि आंखे तुम मेरी कभी पढ़ ना सकी,
और एक दास्तान रफ्ता रफ्ता अश्कों में थी बह गई..
कुछ कहानियां, हमारे दरमियाँ,
Backspaceमें छुपी रह गई..
मैं कोशिशें तुम्हें लिखने की सेहरो शाम करता ही रहा,
लेकिन एक ख्याल तुम्हें खोने का हर मर्तबा उठता ही रहा..
एक झूठ था जो बाजार में बड़ी आसानी से बिक गया,
और सच्चाई बेखौफ बेमलाल किसी कोने में दबी रह गई..
और दोस्ती अगर होती तो अब तक बैचैन बेकाबू सी हो जाती,
ये मोहब्बत ही रही होगी जो ख़ामोशी से थी बह गई..
कुछ कहानियां, हमारे दरमियाँ,
Backspaceमें छुपी रह गई..
कि बिन इश्क़ का इजहार किये, कैसे हो आशिक़ का गुजरा..
When a guy loves a girl,
The whole world knows about it,
Except the girl!
बिन इश्क़ का इजहार किये, कैसे हो आशिक़ का गुजरा..
बस तुम्हारे सिवा जिससे भी मिले, हर शख्स से किया जिक्र तुम्हारा..
हम लौट रहे थे महखाने से कि आज हाल ऐ दिल सुना देंगे,
बस एक नजर तुम्हें देखा और फ़ौरन सारी उतर गई..
कुछ कहानियां, हमारे दरमियाँ, Backspace में छुपी रह गई..
हम लौट रहे थे महखाने से कि आज हाल ऐ दिल सुना देंगे,
बस एक नजर तुम्हें देखा और फ़ौरन सारी उतर गई..
और जूनून होता तो शायद तुमको पा लेता बड़ी आसानी से,
ये इश्क़ था साहिब, इसलिए बातें अनकही थी रह गई...
कुछ कहानियां, हमारे दरमियाँ,
Backspaceमें छुपी रह गई..
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