वो स्कूल वाला प्यार कितना अलग होता था ना यार..
स्कूल पहुंचते है निगाहें बस उसी को खोजती थी,
उसके ना मिलने पर ये बार बार इधर उधर देखती थी..
और उसके आते है चेहरे पे एक अलग सी रौनक होती थी ना यार,
कितना हसीन होता था ना वो स्कूल वाला प्यार..
वो उसका मासूम सा चेहरा और लम्बे लम्बे बाल,
उसपर उसकी वो शर्माती हुई आँख..
और उन आँखों में डूब जाने का भी,
एक अलग ही नशा होता था ना यार..
कितना हसीन होता था ना वो स्कूल वाला प्यार..
“मेरी वाली है” कहके किसी से भी भिड़ जाते थे,
और उसे देखते ही एकदम सीधे बन जाते थे..
और बिना किसी Expectation के कर देते थे ना उसके सारे काम,
कितना हसीन होता था ना वो स्कूल वाला प्यार..
वो स्कूल का टाइम जो शुरू होते ही खत्म हो जाता था, कितना कम लगता था?
और उससे एक दिन की जुदाई से भी कितना डर लगता था?
और कितना लम्बा लगता था ना वो छुट्टी वाला रविवार..
कितना हसीन होता था ना वो स्कूल वाला प्यार..
वो पागल कर जाती थी हमें एक बार देख कर,
और हम कुछ नहीं कर पाते थे उसे बार बार देख कर..
पर उस आँख मिचोली में भी एक अलग सा सुकून होता था ना यार,
कितना हसीन होता था ना वो स्कूल वाला प्यार..
उसकी Attention पाने को ना जाने क्या क्या करते थे..
और दोस्तों की बताई हुई हर एक Trick Apply करते थे..
और एक बार भी अगर वो हमें हंसकर देख लेती थी,
तो हमारा तो दिन बन जाता था ना यार..
कितना हसीन होता था ना वो स्कूल वाला प्यार..
टीचर के पढ़ाते समय भी बस उसी को देखते थे..
और तो और किताबो के हर पन्नो में भी बस उसी को खोजते थे..
उस के सिवा कहीं और मन ही नहीं लगता था ना यार..
कितना हसीन होता था ना वो स्कूल वाला प्यार..
"आज उसे बोल दूंगा" ये सोचकर हर रोज घर से निकलते थे..
और उसे देखते ही सारी हिम्मत पता नहीं कहाँ चली जाती थी..
और बची कुची कसर उसे कभी अकेला ना छोड़ने वाली,
उसकी सहेलिया पूरी कर जाती थी..
पर इन सब में भी एक अलग सा मजा होता था ना यार..
कितना हसीन होता था ना वो स्कूल वाला प्यार..
देखते ही देखते वो स्कूल का last दिन आ जाता है..
और हमारा Secret love हमारे दिल में ही रह जाता है..
पर इन सब यादों को याद करके आज भी चेहरे पर,
एक छोटी सी Smile आ जाती है ना यार..
कितना हसीन होता था ना वो स्कूल वाला प्यार..
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