Main Laat Marta Hoon Aise Feminism Par by Vihaan Goyal

Main Laat Marta Hoon Aise Feminism Par by Vihaan Goyal


Main Laat Marta Hoon Aise Feminism Par

हाथ में सिगेरट पकड़कर, सड़क पे, किसी लोंडे से लाइटर मांगने को अगर तुम फेमिनिज्म कहती हो,
तो मैं लात मारता हूँ ऐसे फेमिनिज्म पर..
क्यूंकि मजदूरी करने वाली औरते भी माहौल के बहाव में आकर बीड़ी पी ही लेती है,
लेकिन उन औरतो को फेमिनिज्म शब्द का मतलब तक नहीं पता होता..

तुम दारु के नशे में धुत्त, लड़खड़ाती हुई रात को घर आओ,
और अगर तुम्हारा बाप तुमसे पूछे कि "ये क्या हाल बना रखा है"
तो तुम उन्हें जवाब दो "भाई भी तो ऐसे ही करता है, आप उसे तो कुछ नहीं कहते, मैं लड़की हूँ इसलिए"
और तुम अपने नशे की इस लत को जस्टिफाई करने के लिए, तुम इसे फेमिनिज्म का नाम दो..
तो मैं लात मारता हूँ ऐसे फेमिनिज्म पर..
क्यूंकि अगर दारु पीने से लड़कियों को आज़ादी मिल रही होती,
तो आज दुनिया की हर लड़की सिर्फ दारू ही पीती..

कॉलेज की कैंटीन में चाहे लड़को की बराबरी करने के लिए तुम गन्दी गन्दी गालियां दो,
और अपनी इस घटिया हरकत को तुम फेमिनिज्म का नाम दो,
तो मैं लात मारता हूँ ऐसे फेमिनिज्म पर..
क्यूंकि अगर गालियां देकर लड़कियां लड़को की बराबरी कर लेती,
तो माँ बाप लड़कियों को पढ़ने लिखने के लिए स्कूल कॉलेज नहीं भेजते,
बल्कि गालियों में मास्टरी करवाते..

तुम्हे जितने चाहे बॉयफ्रेंड बनाने है बनाओ,
जिस लड़के के साथ घूमना है घूमो..
कोई तुम्हारा करैक्टर जज नहीं कर रहा है..
लेकिन अपने इस बॉयफ्रेंड मेकिंग आर्ट को तुम अगर फेमिनिज्म का नाम देती हो,
तो मैं लात मारता हूँ ऐसे फेमिनिज्म पर..
क्योंकि अगर ज्यादा बॉयफ्रेंड बनाने से वुमन एम्पावरमेंट होती,
तो आज फ़ोर्ब्स की लिस्ट में किसी स्पोर्ट्स पर्सन, बिज़नेस वुमन, पॉलिटिशियन, एक्ट्रेस का नाम नहीं होता,
बल्कि जिस लड़की के ज्यादा बॉयफ्रेंड है, उसका नाम टॉप पर होता..

फेमिनिज्म का असली मतलब ये है कि सोसाइटी में औरतो को मर्दो के बराबर का हक़ मिले.. लेकिन इस बराबरी के चक्कर में जो लड़कियां फेमिनिज्म के नाम पर गुमराह हो रही है, ये मश्ग उन्ही लड़कियों के लिए है..क्योंकि साडी पहनकर घर को सँभालने वाली हाउस वाइफ भी फेमिनिस्ट हो सकती है लेकिन ऐसा जरुरी नहीं है कि जो लड़की मॉडर्न कपडे पहनकर ऑफिस में जाकर काम करे, वो फेमिनिस्ट हो..


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