A Short Friendship Love Poem by Abhash Jha

A Short Friendship Love Poem by Abhash Jha


Accha Lagta Tha Jab Tu Hii Karti Thi.
Jane Se Pehle Bye Karti Thi.
Koi Topic Naa Bhi Ho Par Baat Karne ki Try Karti Thi.

अच्छा लगता था जब तू Hii करती थी,
रोज जाने से पहले Bye करती थी,
कोई टॉपिक ना भी हो मगर,
बात करने की Try करती थी.

मुझे देखकर स्माइल करती थी,
आंखे तेरी शाइन करती थी,
कभी नहीं भूल पाउँगा मैं,
जो मेरे साथ तू स्पेंड टाइम करती थी.

जब चश्मे तो हटाया करती थी,
आँखों को मिलाया करती थी,
मैं थोड़ा पीछे होया करता तो,
अपने पास बुलाया करती थी.

जब मेरे गाने तू सुना करती थी,
अक्सर उनमे खो सा जाया करती थी,
मेरा हाल सुनकर तू,
कुछ अपना हाल बताया करती थी.

रोज एक ही जगह मैं बैठा करता था,
तू डेली मुझे वही पाया करती थी,
बहुत याद आते है वो दिन,
जब अपनी दोस्ती तू मुझपर बरसाया करती थी.


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