Ab Khud Rape Karwa Kar Dekho by Vihaan Goyal

Ab Khud Rape Karwa Kar Dekho by Vihaan Goyal


Maan Lo Tum Aurat Ho, Ab Khud Rape Karwa Kar Dekho

तो तुम हो, जिसने रेप किया..
अब तो तुम मर्द बन गए होंगे ना,
चलो मान लेते है थोड़ी देर के लिए तुम वही औरत हो,
जिस औरत का तुमने रेप किया है..
अब किसी बेबस औरत की तरह कुत्तो से,
अपना जिस्म नोंचवाकर देखो..
और कैसा लगता है कभी खुद रेप करवाकर देखो..

तुम्हारी शर्ट के ऊपर के दो बटनो के बीच में से मैं अपनी आंखे सेंकु..
और इंतज़ार करूँ कि कब नीचे के दो बटन खुलेंगे..
तुम घूम जाओ और तुम्हारे टाइट टॉप में से झलक रही ब्रा की शेप को देखकर मैं अंदाजा लगाऊं,
कि अब इन्हे उतारना कैसे है?
अब तुम खुद को मेरी गन्दी नजरो से छुपाकर देखो..
और कैसा लगता है कभी खुद रेप करवाकर देखो..

तुम्हारी स्कूटी किसी सिगनल पर आकर रुके,
और गलती से तुम्हारी टाइट जींस थोड़ी सी नीचे हो जाये,
और मैं अंदाजा लगाऊं,
कि तुम्हारे अंडरवियर का कलर क्या होगा?
और तुम्हारी फिगर को फिगरआउट करूँ,
और अचानक से तुम्हारी नजर मेरी नजर से मिल जाये,
अब तुम अपनी स्कूटी की स्पीड को बढाकर देखो..
और कैसा लगता है कभी खुद रेप करवाकर देखो..

तुम किसी नाईट पार्टी में आओ, शॉर्ट्स पहनकर..
और मैं तुम्हारे सेक्सी सेक्सी लेग्स को देखकर अपने अंदर के वहशी दरिंदे को जगाऊँ..
और घात लगाकर बैठूँ कि तुमपर दारू का नशा पूरी तरह चढ़ेगा..
सारे दोस्त अपने घर चले जायेंगे और मजबूरन,
तुम मुझसे खुद को घर छोड़ने के लिए कहो..
अब इसके बाद तुम खुद को मुझसे बचाकर देखो..
और कैसा लगता है कभी खुद रेप करवाकर देखो..

मैं तुम्हारा मुँह दबाकर किसी सुनसान जगह पर ले जाऊं,
तुम चीखती रहो, चिल्लाती रहो, मुझसे दया की भीख मांगती रहो..
मैं तुम्हारी एक ना सुनु और जानवरो की तरह तुम्हारे सारे कपडे फाड़ दूँ..
और टूट पडु तुमपर किसी वहशी दरिंदे की तरह..
और बुझा दूँ अपने अंदर की प्यास..
और निर्भया की तरह कभी अपने खून से नहलाकर देखो..
और कैसा लगता है कभी खुद रेप करवाकर देखो..

तुम FIR कराने जाओ, पुलिस को  अपने रेप का विवरण बताओ..
लोग तुम्हारे जस्टिस के लिए कैंडल मार्च निकाले,
ओप्पोसिशन सरकार पर आरोप लगाए..
मीडिया तुम्हारी आबरू पर TRP बढ़ाये..
तुम्हारा मंगेतर सगाई की अंगूठी लौटाए,
तुम्हारे माँ बाप किसी को मुँह दिखाने लायक ना रह जाए..
अब इसके बाद तुम किसी एक इंसान से भी नजरे मिलाकर देखो..
और कैसा लगता है कभी खुद रेप करवाकर देखो..

क्या हुआ, माना ना, महसूस हुआ ना कि सबकुछ खत्म हो गया, तुमने जिस लड़की का रेप किया, उसे हर दिन हर पल सिर्फ यही महसूस होता है.. तुमने सिर्फ उस लड़की का रेप नहीं किया, तुमने रेप किया है उस भरोसे का जो तुमने कभी बाप बनकर, भाई बनकर, बेटा बनकर किसी ना किसी को तो दिया होगा.. और अगर इसी तरह इस भरोसे का रेप करते रहना है तो तोड़ दो ना ये सारे रिश्ते.. और अगर तुमसे इतना भी नहीं होता ना तो जला दो वो सारे कागज जहाँ जहाँ तुमने अपने नाम के आगे मर्द लिखा है..


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