सच कहूँ..??
उसके जाने का गम तो मुझे आज भी है,
पर इस बात का जिक्र मैं किसी से नहीं करता…
क्या फायदा जब उसे ही फर्क नहीं पड़ता,
सच कहूँ..??
उसकी याद तो आज भी बहुत आती है,
हर पल हर लम्हा मेरे दिल को सताती है…
पर क्या फायदा इन यादों का भी,
जो सिर्फ मुझे ही उसकी याद दिलाती है…
सच कहूँ..??
रातों में नींद तो आज भी आती है,
पर बिना पूछे रोज रोज वो भी तो मेरे ख़्वाबों में आती है…
पर क्या फायदा उन ख़्वाबों का भी,
जिनमे वो मुझे मिल ही नहीं पाती है…
सच कहूँ..??
उसे देखने का मन तो आज भी बहुत करता है,
सारी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर उसे सर्च करने का मनकरताहै…
पर क्या फायदा उसे सर्च करके भी,
उसका तो मुझसे बात करने का भी मन नहीं करता है…
सच कहूँ..??
मुलाकात तो मैं आज भी बहुत लोगों से करता हूँ,
कभी अकेला तो कभी उनके साथ भी चलता हूँ…
पर क्या फायदा उनके साथ चलने का भी,
जब मैं उनसे भी तेरी ही बातें करता हूँ…
सच कहूँ..??
मैं आज भी तेरे लिए दुनिया से लड़ जाता हूँ,
और कहीं न कहीं तेरी परछाई को देखकर ही खुश हो जाता हूँ…
पर क्या फायदा इस ख़ुशी का भी,
जब मैं तुझे ही नहीं खुश कर पाता हूँ…
सच कहूँ..??
इस दिल में जगह तेरे लिए आज भी खाली है,
तू ही मेरी सबकुछ थी ये बात भी मैंने मानी है…
पर क्या फायदा, ये तो तुझे भी पता है,
कौनसा इस दिल में कोई दूसरी आ जानी है…
सच कहूँ..??
कहीं न कहीं प्यार तो उससे मैं आज भी करता हूँ,
और बदला कुछ नहीं है, कहने से तो मैं आज भी डरता हूँ…
पर क्या फायदा उस प्यार काभी,
जो सिर्फ मैं ही उससे करता हूँ…
सच कहूँ..??
अब तुझे भुला देने की कसम खानी है,
तुझे दिल दिमाग हर जगह से निकालने की ठानी है…
पर क्या फायदा ये सब करके भी,
तू तो मुझे पहले ही भुला चुकी है,
तुझे कौनसा मेरी याद आ जानी है…
सच कहूँ..??
आज भी हर रोज एक नई सीख सीखता हूँ,
आप लोगों से ही Inspire होकर थोड़ाबहुतलिखताहूँ…
पर क्या फायदा इस लिखने का भी,
जब वही नहीं समझती जिसके लिए लिखता हूँ…
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