Ek Purana Sa Khat Mila Hai Aaj.
एक पुराना सा खत मिला है आज..
थोड़ा पीला पड़ गया है..
उसके लफ्ज़ भी जैसे पीलिये से हो गए है..
एक पुराना सा खत मिला है आज..
आंखे छोटी करके पढ़ना पड़ता है उसको,
एक पुराना सा खत मिला है आज, थोड़ा फट सा गया है..
जैसे दिल के खवाहिश के परे जाके उसे किसी ने फाड़ दिया हो..
जरा देखे तो सही इसमें कौन कौन से लम्हे टांके है..
लिखा है - बात है एक रात की,
जब पहली बार उस शख्श को मिलने का मौका मिला था..
बाहर जैसे पूरा शहर नए साल को मनाने के लिए पागल हुए जा रहा था,
और ये बेचारा पहली बार मिलने के जश्न में बावला हुए जा रहा था..
एक पुराना सा खत मिला है आज, थोड़ा फट सा गया है..
लिखा है, जब पहली बार तुम्हे देखा था तो लगा था,
कि नए साल की तरह जिंदगी का भी एक नया सिरा शुरू हो रहा है..
बस इसे यही थमा दूँ..
थाम लूँ वो नफ़्ज़ जिसे सिर्फ तुम्हारी धड़कन महसूस कर पाए..
एक पुराना सा खत मिला है..
जब शराब के नशे में पूरा शहर अनाप शनाप बके जा रहा था,
तब मैं तुम्हारी आँखों के नशे से कायल हुए यहां वहां बिखरा पड़ा था..
बिलकुल उस पत्ते की तरह, हाँ बिलकुल उस पत्ते की तरह,
जो तुम्हारी खिड़की के पास आके उसी पेड़ से गिरता था..
बिलकुल उस पत्ते की तरह यहां वहां बिखरा पड़ा था..
एक पुराना सा खत मिला है..
जब पहली दफा उन होंठो को छुआ था तो ऐसा लगा था,
कि आज ये लम्हा यही पर कैद कर लूँ..
तुझे मुझमे कैद कर लूँ और खुद रिहा हो जाऊँ जिंदगी से..
तुझे मुझमे कैद कर लूँ और खुद ही रिहा हो जाऊँ जिंदगी से..
एक पुराना सा खत मिला है, थोड़ा फट सा गया है..
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