कि आपके कंधो से कंधे मिलाऊँ उतनी ऊंचाई नहीं है मेरी..
पर कोशिश जरूर करुँगी उस ऊंचाई तक पहुँचने की,
जहाँ आपके कंधे ना पहुँच पाए..
जिम्मेदारियां तो इनके सर पर भी बहुत होती है,
पर ये कभी बताते नहीं है..
रोते तो ये भी बहुत है, पर ये कभी जताते नहीं है..
सपने तो इनकी आँखों में भी बहुत होते है,
पर घर की ख्वाहिशो के सामने इन सपनो को बस सपनो तक ही सीमित रखना..
इतना आसान होता है क्या एक लड़का होना..
मुश्किले तो इन्हे भी दस्तक देती है..
कठिनाइयाँ तो इनकी राह पे भी आती है..
पर इन कठिनाइयों का निडर होकर सामना करना,
मुश्किलों को अपनी मुस्कान के पीछे छुपाना..
इतना आसान होता है क्या एक लड़का होना..
माँ की जरूरते, बहन की नादानियाँ, पापा की वो डाँट..
और ढेर सारे नखरों के साथ ढेर सारे खर्चे उठाना..
इतना आसान होता है क्या एक लड़का होना..
छोड़ जाए बीच रास्ते पे अगर कोई लड़की,
तो तुम खुश रहना, ये कहकर उसे अलविदा कहना..
दिल में लगी ठोकर को भूलकर एक नई शुरुआत करना..
इतना आसान होता है क्या एक लड़का होना..
बुरा भला तो इन्हे भी लोग बहुत कहते है..
सिर्फ एक लड़की के खातिर पूरी मर्दजात को लोग बदनाम करते है..
इस बदनामी को ईमानदारी से सहना..
इतना आसान होता है क्या एक लड़का होना..
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